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Hindi Kavita on Dr BR Ambedkar: अधिकारों की अलख जगाने वाले डॉ. अंबेडकर पर कविताएं

Hindi Kavita on Dr BR Ambedkar: समाज में समय-समय पर कई ऐसे महापुरुषों ने जन्म लिया, जिन्होंने समाजिक समरसता के लिए समाज का पुनरुत्थान किया। समाज को संगठित करना हो या सभी को एक समान अधिकार देना हो, “डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर” ने इसके लिए जीवनभर संघर्ष किया। भारत जैसे महान राष्ट्र को एक संपूर्ण संविधान देने वाले “डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर” जी की संघर्ष गाथा को, कई कवियों ने अपने शब्दों से सम्मानित किया है। इस ब्लॉग में आपको डॉ.

अंबेडकर पर कविताएं (Hindi Kavita on Dr BR Ambedkar) पढ़ पाएंगे, जो आपको जीवनभर प्रेरित करेंगी। इन कविताओं को पढ़ने के बाद आप अपने जीवन में एक सकारात्मक अनुभूति कर पाएंगे, जिसके लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

भीमराव अम्बेडकर के बारे में

भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया, जिनमें से एक नाम भीमराव अम्बेडकर जी का भी आता है। संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी की संघर्ष गाथा भारत के युवाओं को प्रेरित करती रहेगी।

14 अप्रैल 1891 को भीमराव अम्बेडकर जी का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के महू में हुआ था। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर दलित समुदाय से आते थे। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ने अपने कर्मों, तप तथा त्याग के आधार पर भारत का संविधान लिखने तक का सफर तय किया।

डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के बचपन का नाम “भिवा, भीम, भीमराव, बाबासाहेब अंबेडकर” आदि था। डॉ भीमराव अंबेडकर ने सन् 1907 में मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद एली फिंस्टम कॉलेज से सन् 1912 में ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद वर्ष 1915 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए की शिक्षा ली। सन् 1917 में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर की। डॉक्टर भीम राव अंबेडकर जी 9 भाषाओं के जानकार थे।

भीमराव अम्बेडकर जी ने भारत के हर वर्ग को समान दृष्टी से देखा और समान अधिकार देने के लिए भारत के संविधान का निर्माण किया। 65 वर्ष की आयु में समाज सुधारक भीमराव अम्बेडकर का निधन 6 दिसम्बर 1956 को देश की राजधानी दिल्ली में हुआ।

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डॉ.

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अंबेडकर पर कविताएं – Hindi Kavita on Dr BR Ambedkar

डॉ. अंबेडकर पर कविताएं (Hindi Kavita build Dr BR Ambedkar) कुछ इस प्रकार हैं, जो आपको उनके जीवन के संघर्षों से परिचित करवाएंगी –

संविधान निर्माता

स्वतंत्र भारत की चेतना को जगाने का समाज को कानून का पाठ पढ़ाने का संविधान निर्माता डॉक्टर अम्बेडकर ने प्रण लिया समाज के हर वर्ग को समान अधिकार दिलाने का भारत की आज़ादी के लिए स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़कर अपना सर्वस्व न्योछावर किया समाज को संगठित करने के लिए उन्होंने अनेकों पीड़ाएं सहकर संविधान का निर्माण किया हर वर्ग को शिक्षित करने में हर व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करने में स्वतंत्र भारत को अखंड भारत बनाने में संविधान निर्माता डॉक्टर अम्बेडकर का असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों का अविस्मरणीय योगदान भुलाया नहीं जा सकता तप-त्याग की महान परिभाषा है डॉक्टर अम्बेडकर इस परिभाषा को कभी झुठलाया नहीं जा सकता

-मयंक विश्नोई

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डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

अंबेडकर, अंबेडकर!

तुम हो भारत के वीर, तुम हो दलितों के मसीहा, तुम हो मानवता के पुरोधा। तुमने जन्म लिया था, एक अछूत परिवार में, पर तुमने अपने बल पर, दुनिया को जीत लिया। तुमने शिक्षा प्राप्त की, विदेश जाकर, और फिर भारत लौटकर, दलितों के उत्थान के लिए, लड़ाई लड़ी। तुमने दलितों को, शिक्षा, रोजगार, और सम्मान दिलाने के लिए, कड़ी मेहनत की। तुमने दलितों को, एकजुट होने के लिए प्रेरित किया, और उन्हें, अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए, शक्ति दी। तुम एक महान व्यक्ति थे, और तुम्हारे योगदानों को, भारत कभी नहीं भूलेगा।

-सुमित्रानंदन पंत

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दलितों के मसीहा

दलितों के मसीहा, भीमराव अंबेडकर, तुमने दलितों के लिए, क्या कुछ नहीं किया। तुमने दलितों को, शिक्षा, रोजगार, और सम्मान दिलाने के लिए, कड़ी मेहनत की। तुमने दलितों को, एकजुट होने के लिए प्रेरित किया, और उन्हें, अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए, शक्ति दी। तुम एक महान व्यक्ति थे, और तुम्हारे योगदानों को, भारत कभी नहीं भूलेगा।

-नीरज

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भीम जयंती

भीम जयंती है आज, आओ सब मिलकर, भीमराव अंबेडकर को, शत-शत नमन करें। वे थे एक महान व्यक्ति, जिन्होंने दलितों के लिए, कड़ी मेहनत की। वे एक महान समाज सुधारक थे, जिन्होंने जाति व्यवस्था को, ध्वस्त करने के लिए, लड़ाई लड़ी। वे एक महान नेता थे, जिन्होंने दलितों को, एकजुट होने के लिए प्रेरित किया। वे एक महान प्रेरणा हैं, हम सभी के लिए, और उनके योगदानों को, हम हमेशा याद रखेंगे।

-मुकुट बिहारी शर्मा

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भीमराव अंबेडकर पर निबंध

भीमराव अंबेडकर जी , बाबा साहेब तुम्हे प्रणाम

भीमराव अंबेडकर जी , बाबा साहेब तुम्हे प्रणाम । भारत की पावन गाथा में , अमर तुम्हारा नाम ।। भीम जैसा सूरज अगर निकला ना होता, हम दलितों के जीवन में ये उजाला ना होता, मर गये होते युही जुल्म सहकर अगर हमें भीम जैसा रखवाला मिला ना होता। दलित समाज सुधारक को बाबा साहेब कहते है। जलते दीपक बनकर सदा हमारे दिल में रहते है अमीरों का दिया हर अत्याचार सहा था उसने, फिर भी दो वक़्त की रोटी भी कमा ना पाया था अपनी ग़रीबी के आगे, वो बेबस नजर आया था । फिर भी दो वक़्त की रोटी भी कमा ना पाया था । फ़िर हुआ एक रोज चमत्कार इस धरती पर, बनकर मसीहा, ख़ुदा धरती पर उतर आया था । देश के लिये जिन्होने विलाश को ठुकराया था। गीरे हुये को जिन्होंने स्वाभिमान सिखाया था। जिसने हम सबको तूफानों से टकराना सिखाया था। देश का वो था अनमोल दिपक जो बाबा साहब कहलाया था।

-ओमप्रकाश मेरोठा

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आशा है कि इस ब्लॉग में दी गई डॉ.

अंबेडकर पर कविताएं (Hindi Kavita on Dr BR Ambedkar) आपको पसंद आई होंगी। इनके माध्यम से आप डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के जीवन के संघर्षों के बारे में जान पाए होंगे। इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।